ट्राई स्क्वायर: प्रकार और उपयोग | Try Square : Types and Uses

Try Square ( गुनिया ) किसे कहते हैं ?

Trysquare 1

Try Square ( ट्राई स्क्वायर ) – यह एक मापी व चैकिंग टूल है इसके दो भाग होते हैं (1) ब्लेड, (2) स्टॉक। इसका ब्लेड उच्च कार्बन इस्पात (High Carbon Steel) की एक पत्ती (Strip) का बना होता है तथा स्टॉक मृदु त इस्पात (Mild Steel) अथवा ढलवाँ लोहे (Cast Iron) का बना होता है जो दोनों एक दूसरे के एक सिरे पर 90° का कोण पर जुड़े रहते हैं। ब्लेड 10 से 30 सेमी. तक लंबा होता है और इसकी सतह पर सेमी एवं मिमी. अथवा इंचों के चिह्न अंकित होते हैं। ब्लेड सपाट (Plain) भी हो सकता है।

ट्राई स्क्वायर (Try Square) का साइज इसके ब्लेड की लंबाई से प्रकट किया जाता है। यह लंबाई स्टॉक के भीतरी सिरे स्व से ब्लेड के अंतिम किनारे तक की दूरी होती है। साइज के स्व अनुसार ये 100 से 300 मिमी. तक पाए जाते हैं।

Types Of Try Square ( ट्राई स्क्वायर के प्रकार ) –

types of try-square
try-square types and uses

कार्य के अनुसार प्राय: निम्नलिखित प्रकार के ट्राई स्क्वायर प्रयोग किए जाते हैं :

स्थिर ट्राई स्क्वेयर (Fixed Try Square) –

इस प्रकार इस के ट्राई स्क्वेयर में ब्लेड को स्टॉक के साथ 90° के कोण पर रिवेट के साथ जोड़ दिया जाता है जिससे कि ब्लेड इसके स्टॉक क के साथ एक ही स्थान पर स्थिर रहता है। इस प्रकार का ट्राई स्व स्क्वेयर प्रायः साधारण कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसे च इंजीनियर का ठोस स्क्वयर (Engineer’s Solid Square) भी कहते हैं। आमतौर पर 100 से 150 मिमी. के स्क्वेयर अधिक इस्तेमाल किए जाते हैं।

समायोज्य ट्राई स्क्वेयर (Adjustable Try Square) –

इस प्रकार के ट्राई स्क्वेयर में ब्लेड को स्टॉक के साथ रिवेट द्वारा नहीं जोड़ते बल्कि इसके स्टॉक के ऊपरी सिरे पर एक खाँचा (Slot) कटा होता है जिसमें एक पिन फिट रहती है और पिन को एक नर्ल किए हुए नट के द्वारा समायोजित (Adjust) किया जा सकता है। इस प्रकार के ट्राई स्क्वेयर में ब्लेड को कहीं भी सैट ड, किया जा सकता है। स्टॉक के दोनों ओर बनने वाले कोण bon समकोण होते हैं। इनमें भी ब्लेड की लंबाई 100 से 300 मिमी. मृदु तक होती है। इनमें दो या तीन ब्लेडों का सैट रहता है – (i) मानक ब्लेड, (ii) बैवेल ब्लेड तथा (iii) संकीर्ण ब्लेड (Narrow Blade) । आवश्यकतानुसार वांछित ब्लेड को सैट करके काम किया हैं। जाता है। इसका स्टॉक दो प्रकार का होता है। पहले प्रकार के किसी-किसी स्टॉक में स्प्रिंट लेवल भी होता है। अधिकतर की स्प्रिंट लेवल (Spirit Level) 150, 230 और 300 मिमी. के सिरे स्क्वेयर के स्टॉकों में ही होते हैं। इसे इंजीनियर का समायोज्य के स्क्वेयर (Engineer’s Adjustable Square) भी कहते हैं।

डाई मेकर्स स्क्वायर (Die Maker’s Square) –

इसका उपयोग डाई व पंच आदि के बनाने में किया जाता है। कार इसमें दो स्क्रू लगे होते हैं। छोटे स्क्रू की सहायता से ब्लेड को पर स्टॉक के साथ समकोण से कुछ अधिक और कम कोण पर सैट क कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल स्थिर ट्राई स्क्वेयर एवं समायोज्य ई स्क्वेयर के समान भी किया जा सकता है। इसके साथ निम्नलिखित इसे चार ब्लेडों का एक सैट होता है। (a) स्टैंडर्ड ब्लेड (b) बेवेल ब्लेड (c) नैरोब्लेड, और (d) ऑफसेट ब्लेड

L- स्क्वेयर (L-Square) –

यह प्रायः मृदु इस्पात द्वारा की 50 मिमी. चौड़ा और 150 से 200 मिमी. लंबा होता है। इसकी के कोण दोनों भुजाओं पर इंच, सेमी. और उनके भागों के निशान अंकित होते हैं। इसकी छोटी एवं बड़ी दोनों ही भुजाएँ (ब्लेंड तथा की ही मा स्टॉक) समान मोटाई की होती हैं। इसका उपयोग अधिकतर यह विधि ड्राइंग विभाग (चित्रांकन-विभाग), शीट मेटल कार्य, बढ़ई गिरी अधिक और दर्जी गिरी में होता है। राजू मिस्त्री भी इसका इस्तेमाल करते (2 हैं। ड्राइंग के काम आने वाला L स्क्वेयर अच्छे इस्पात (Steel) स्क्वेयर का बहुत ही सही बना होता है। यह 1.3 से 1.6 मिमी. मोटा तथा इंजीनियर 50 x 30 मिमी. से 150 x 200 मिमी. साइज तक का होता है। स्क्वेयर इस पर मिमी., आधे मिमी. और सेमी. के निशान अंकित रहते हैं। सरफेस ये ब्रिटिश प्रणाली में भी बनाए जाते हैं जिनके ऊपर इंच के 16वें, चाहिए ( 32वें तथा 64वें भाग के निशान अंकित होते हैं। लकड़ी के बने साथ एक L-स्क्वेयर का उपयोग दर्जी करते हैं। शीट मेटल कार्य एवं बढ़ई विपरीत गिरी (Carpentary) में काम आने वाला L-स्क्वेयर मृदु इस्पात उसी किन (Mild Steel) का बना बड़े साइज का होता है। इस पर इंच के भी पहली 8वें और 16वें भागों के निशान अंकित होते हैं। इसी का इस्तेमाल राज मिस्त्री भी करते हैं।

भारतीय मानक (ISI) के अनुसार ट्राई स्क्वायर –

भारतीय मानक के अनुसार ट्राई स्क्वेयर निम्न प्रकार के होते हैं :

टाईप-1 इंजीनियर स्क्वेयर बैवेल एज स्टॉक के साथ (Engineers Square, Bavel Edged with Stock ) –

इस स्क्वेयर का बाहरी किनारा बैवल किया होता है और स्टॉक में फिक्स से पहले किया होता है। बैवल किनारा होने के कारण केवल एक ही लाईन के वह सम्पर्क में आती है। इसे शुद्धता वाले कार्यों में प्रयोग किया जाता है।

टाईप-2 इंजीनियर स्क्वेयर फ्लैट एज बिना स्टॉक स्क्वेयर (Engineers with flat edges and without stock ) –

इसके स्टॉक व ब्लेड एक ही टुकड़े के बने होते हैं व मोटाई समान होती है।

टाईप-3 इंजीनियर स्क्वेयर फलैज सहित (Engineers इसका प्रयोग Square with Flange) –

इसका स्टॉक फ्लैज वाला होता है। परिशुद्धता के अनुसार ये स्क्वेयर तीन ग्रेड A, B, C में मिलते हैं। ग्रेड A के स्क्वेयर सबसे अधिक परशुद्धता वाले होते हैं। ग्रेड A व D के ट्राई स्क्वेयर टूल रूम में तथा ग्रेड C के साधारण कार्यों में प्रयोग किये जाते हैं। इनका साईज इनके ब्लेड की कुल लम्बाई में लिया जाता है। ये 100 से 300 मि.मी. तक मिलते हैं या इन्हें ग्रेड व टाईप से लिया जाता है। जैसे 200A-1-1S: 2003, 300 B-2-1S 2103

अब ट्राई स्क्वेयर को हटाकर जाँच करनी चाहिए कि खींची गई दोनों रेखाएँ आपस में समांतर (Parallel) हैं अथवा नहीं। यदि दोनों रेखाएँ आपस में समांतर हैं तो ट्राई स्क्वेयर सही है। रेखाओं के समांतर न होने पर ट्राई स्क्वेयर गलत होगा और उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सरफेस प्लेट के ऊपर रेखाएं स्क्राइबर (Scriber) से नहीं खींचनी चाहिए और इसके लिए सरफेस प्लेट पर पतला सादा कागज लगाकर पेंसिल का उपयोग किया जा सकता है। इसका प्रयोग टेबल पर मार्किंग के लिए किया जाता है। ये 50 सेन्टीमीटर या अधिक लम्बाई में उपलब्ध होते हैं।

Checking Try Square’s Accuracy ( ट्राई स्क्वेयर ) की शुद्धता की कैसे जाँच करेंगे ? विधि बताइए।

ट्राई स्क्वेयर की यथार्थता जाँचना ( Checking Try Square’s Accuracy ) –

जॉब की जाँच करने से पहले किया उपयोग किए जाने वाले स्क्वेयर को जाँच लेना चाहिए कि वह सम्पर्क में सही है अथवा नहीं। डाई-मेकर स्क्वेयर का उपयोग स्थिर ट्राई है। स्क्वेयर के रूप में करने के लिए सैट करने के बाद उसके सही होने की जाँच करना और भी आवश्यक हो जाता है। ट्राई स्क्वेयर की यथार्थता की जाँच निम्नलिखित विधियों से की जा सकती –

मास्टर ट्राई स्क्वेयर द्वारा (By Master Try Square) –

ट्राई स्क्वेयर की यथार्थता की जाँच मास्टर ट्राई स्क्वेयर इस्पात द्वारा की जा सकती है। मास्टर ट्राई स्क्वेयर का ब्लेड और स्टॉक 30 से आपस में बहुत ही यथार्थता (मिनट की यथार्थता में) के साथ 90° के कोण पर जुड़े होते हैं। मास्टर ट्राई-स्क्वेयर एक बहुत ही यथार्थ अंकित (Accurate) इंजीनियर स्क्वेयर है जिसके ब्लेड एवं स्टॉक दोनों तथा की ही मापने वाली सतह इंच के लाखवें भाग तक सीधी होती हैं। अधिकतर यह विधि प्राय: वहाँ प्रयोग में लाई जाती है जहाँ पर ट्राई स्क्वेयर में अधिक यथार्थता (Accuracy) की आवश्यकता होती है।

सरफेस प्लेट द्वारा (By Surface Plate) –

मास्टर Steel) स्क्वेयर हर समय तथा प्रत्येक स्थान पर नहीं मिलता। अतः तथा इंजीनियर स्क्वेयर की दूसरी विधि से भी जाँच की जा सकती है। होता है। स्क्वेयर के स्टॉक को किसी सीधे किनारे वाली सतह अथवा रहते हैं। सरफेस प्लेट (Surface Plate) के किनारे से सटाकर रखना के 16वें चाहिए उसकी सतह पर ब्लेड के किनारे के के बने साथ एक लाइन खींच देनी चाहिए। फिर ट्राई स्क्वेयर को पलटकर एवं बढ़ई विपरीत स्थिति में रखकर पहली खिंची लाइन के साथ ब्लेड के उसी किनारे के सहारे दूसरी रेखा खींच देनी चाहिए। दूसरी लाइन इंच के भी पहली के एकदम पास ही होनी चाहिए।

ट्राई स्क्वायर से संबद्ध सावधानियाँ (Precautions While Using Try-Square) –

  1. ट्राई स्क्वेयर को अन्य कटिंग टूल्स के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए।
  2. कार्य करने से पहले व बाद में ट्राई स्क्वायर कोअच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए।
  3. इसको गिरने से बचाना चाहिए।
  4. इसको कभी भी हथौड़े (Hammer) की तरह प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  5. इसके ब्लेड को पेचकस की तरह प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।
  6. ट्राई स्क्वेयर का प्रयोग करते समय इसके ब्लेड को जॉब की सतह पर रगड़ना नहीं चाहिए बल्कि उठा-उठाकर धीरे से रखकर जाँच करनी चाहिए।
  7. जब ट्राई स्क्वेयर को इस्तेमाल न करना हो तो इस पर हल्के ग्रेड का तेल लगाकर इसके निर्धारित स्थान पर रख देना चाहिए।

निष्कर्ष –

मैं आशा करता हूँ कि आपने मेरा यह आर्टिकल अच्छे से पढ़ा होगा और यह समझ लिया होगा कि ट्राई स्क्वायर: प्रकार और उपयोग , ट्राई स्क्वेयर की शुद्धता की कैसे जाँच करेंगे अगर आपको मेरा यह Article Helpful लगा हो तो इसे जरूरतमंद लोगों के साथ Share कीजिये तथा अगर इस Article में आपको कोई बात समझ न आयी हो तो आप Comment कर सकते हो।

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